जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ीवाले, जरा हल्के गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ीवाले
या गाड़ी म्हारी रंग रंगीली, पहिया लाल गुलाल
फागुन वालो छैल छबीलो और बैठन वाले दाम
जरा हल्के गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ीवाले
देस देस का वैद बुलाया, लाया जड़ी और बूटी
जड़ी़ और बूटी कुछ काम ना आई, जब राम के घर टूटी
चार कहार मिलि उठायो, दुई काठ की जोड़ी
लई जा मरघट पे रख दई और फूंक दीए जस होली
जरा हल्के गाड़ी हांको मोरे राम गाड़ीवाले
The poem is written by Saint Kabir who was born in Varanasi.
A Kajari song from Mirzapur by Malini Awasthi. It is sung in the rainy season, especially on Kajali Teej festival at Vindhyavasini Devi temple, Mirzapur, Uttar Pradesh, India.
अरे रामा सावन मा घनघोर बदरिया छाई रे हारी
घन उमड़ घुमड़ के छाये, उत कजारे घन छाये रे रामा
अरे रामा झींगुर की छनकारि, पिया को लागे प्यारी रे हारी
झूला पड़ा कदम की डारि, झूलें ब्रिज के नर नारि
अरे रामा पेंग बढ़ावे राधा प्यारी, पिया को लागे प्यारी रे हारी
अरे रामा सावन मा घनघोर बदरिया छाई रे हारी
बदरिया छाई रे हारी
राधा कृष्ण की दासिनी, कृष्ण राधा को दास
जनम प्रभु सभी को दीजिये वृन्दावन को वास
श्याम तोहे नजरिया लग जायेगी
दिन नहीं चैन, रैन नहीं निंदिया
सुन तोरी मुरलिया, मैं मर जाउंगी
श्याम तोहे नजरिया लग जायेगी
अईले कन्हैया, रे अईले कन्हैया
नंद बाबा घर अईले कन्हैया
देवकी ने जाये लाल, जशोदा ने पाये
सोये पहराउ लेके वसुदेव आये
जसोदा से नेग खातिर झगरे नौनिया
नंद बाबा घर अईले कन्हैया
सुमिरन करो आदि भवानी का…
पहला सुमिरन गणपति देवा और ऋद्धि सिद्धि महारानी का
दूसरा सुमिरन शंकर जी का, और गौरा महारानी का
तीसरा सुमिरन विष्णु जी का, और लक्ष्मी महारानी का
चौथा सुमिरन ब्रह्मा जी का, और सरस्वति महारानी का
पांचवा सुमिरन रामचन्द्र का, और सीता महारानी का
छठा सुमिरन कृष्ण चन्द्र का, और राधा महारानी का
सातवां सुमिरन सालिग्राम का, और तुलसा महारानी का
आठवा सुमिरन गुरुदेव का, चरनन की बलिहारी का
गुरु मात पिता, गुरु बंधु सखा, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
१. प्रियताम तुम्हीं, प्राणनाथ तुम्हीं, तेरे चरणों में स्वामी मेरे कोटि प्रणाम
२. तुम्हीं भक्ति हो, तुम्हीं शक्ति हो, तुम्हीं मुक्ति हो, मेरे सांब शिवा
३. तुम्हीं प्रेरणा, तुम्हीं साधना, तुम्हीं आराधना मेरे सांब शिवा
४. तुम्हीं प्रेम हो, तुम्हीं करुणा हो, तुम्हीं मोक्ष हो मेरे सांब शिवा
मेरे गिनियो ना अपराध, लाड़ली श्री राधे
मेरे गिनियो ना अपराध किशोरी श्री राधे
१. जो तुम मेरे अवगुन देखो, तो नाही कोई गुण हिसाब, लाड़ली श्री राधे
२. अष्ट सखी और कोटि गोपिन में, उनकी दासी को दासी मैं, लाड़ली श्री राधे
वहीं लिख लीजो मेरो नाम, लाड़ली श्री राधे
३. माना कि मैं पतित बहुत हूं, हौ पतित पावन तेरो नाम, लाड़ली श्री राधे
किशोरी मेरी श्री राधे, लाड़ली श्री राधे, स्वामिनी श्री राधे
Feeling grateful for the oral traditions of India :) My heritage.
खेलें मशाने में होली, दिगंबर…
गोप न गोपी, श्याम न राधा
न कोई रोक न कौनो बाधा
न साजन न गोरी